Skip to content
[adsforwp id="24637"]

भाजपा शासनकाल में विकास को चूहे ने कुतरा, जाने ऐसा क्यों कहा जा रहा है

भाजपा शासन में बदला विकास का अर्थ, विकास मतलब - चुहों के कुतरने से केनाल टूटना, एक्सप्रेस-वे की सड़कों का धंसना और पुल गिरना

रांची। मई 2014 में केंद्र की सत्ता में आने से पहले भाजपा का नाऱा था, ‘सबका साथ, सबका विकास. इसी नारे के साथ मोदी सरकार ने देश के विकास करने का दावा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि यह हमारे लिए सिर्फ एक नारा ना कभी था और न है. यह हमारा प्रेरणा मंत्र है. समाज का हर वर्ग, देश का हर कोना, समाज का हर तबका, यह सब हमारा अपना है. प्रधानमंत्री की इस बात को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कुछ अलग ही ढ़ंग से लिया. यही कारण है आज कि भाजपा के शासन में विकास का अर्थ ही बदल गया है.

आज भाजपा शासन में विकास का मतलब हो गया है:–
• चुहों के कुतरने से सिंचाई परियोजना का कोनार टूट जाए. सड़कों में गड्डा हो जाए.
• नवनिर्मित एक्सप्रेस-वे की सड़कों पर गड्ढा हो जाए, वह भी तब जब प्रधानमंत्री के हाथों को महज कुछ दिन पहले ही इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हो.
• 27 सालों से जिस गुजरात में भाजपा सत्ता में हो, वह होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक पुल गिर जाए, और सैंकड़ो लोग मर जाए.
• विपक्षी पार्टियों ने हमेशा यह कहता रहा है कि किस तरह केंद्रीय एंजेसियों की मदद से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर किया जाना.

Also read: Koderma: आपकी योजना- आपकी सरकार – आपके द्वार 01 नवंबर को जिले भर में लगने वाली शिविर

बंगाल विधानसभा चुनाव पर पीएम की जैसी राजनीति की, वहीं स्थिति अब 27 साल सत्ता वाले गुजरात की

बात सबसे पहले कोलकाता के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर हादसे से करते हैं. 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जब यह घटना घटी, तो इसपर प्रधानमंत्री ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की थी. पीएम मोदी ने कहा था, “यह दैविक कृत्य इस मायने में है कि यह हादसा चुनाव के ऐन वक्त पर हुआ है, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उन पर किस तरह की सरकार शासन कर रही है. ईश्वर ने यह संदेश भेजा है कि आज यह पुल गिरा है, कल वे पूरे बंगाल को खत्म कर देंग. आपके लिए ईश्वर का संदेश बंगाल को बचाना है.”
वहीं स्थिति आज गुजरात राज्य की है. वह राज्य जहां भाजपा 27 सालों से सत्ता में है. जहां विकास के लंबे-लंबे दावे किए जाते रहे हैं. लेकिन दावे की पुल खोलती है मोरबी केबल ब्रिज हादसा. इस हादसे में करीब 140 से ज्यादा लोग मारे गए.

रघुवर शासन में कोनार सिंचाई परियोजना का केनाल चुहों के कुतरने से टूटा.

अगस्त 2019 में जब झारखंड में भाजपा सत्ता थी, तब गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड में कोनार सिंचाई परियोजना का केनाल टूट गया. वह भी तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के उद्घाटन के महज 13 दिन बाद ही. प्रारंभिक रिपोर्ट में नहर में छेद करने का ठिकरा चूहों पर फोड़ा गया था. हालांकि जब मामला तुल पकड़ा, तो योजना से जुड़े कुछ इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया.

Also read: JSSC Jharkhand Police Vacancy: झारखंड पुलिस के 13 हज़ार पदों पर बंपर भर्ती, पहले दौड फिर लिखित परीक्षा

पीएम के उद्घाटन के महज पांच दिन बाद धंसा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे.

21 जुलाई 2022 को भाजपा शासन वाले उत्तर प्रदेश में विकास के दावे पूरी तरह से खुल गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड के जालौन के कथेरी गांव से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया था. उद्घाटन के महज 5 दिन बाद पहली बारिश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता की पोल खुल गई. आम जनता के लिए जैसे ही यह एक्सप्रेस-वे खोल गयी, तो उपयोग होते ही यह सड़क कई जगह पर धंस गई. सड़क में करीब 1 फुट गहरा गड्‌ढा हो गया. कई दुर्घटना भी हुए. सरकार के अफसरों ने एक्सप्रेस-वे को पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में पूरा करने का दावा किया था।

कानपुर का एक पुल, जो चुहों के कुतरने से धंस गया.

5 अगस्त 2022 को भाजपा शासन वाले उत्तर प्रदेश की. कानपुर के खपरा मोहाल में बने एक पुल इसलिए चर्चा में है क्योंकि ये चूहों की वजह से धंस गया. राज्य के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की कि यह पुल चूहों की वजह से धंस रहा है. बात मीडिया तक पहुंची, और विपक्ष सरकार पर हमलावर हुई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं.