SBI Bank: भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने जनधन खाता धारकों और छोटे बैंक जमा से करीब 300 करोड़ रुपए की कटौती की है यह कटौती अवैध तरीके से की गई है. 1 महीने में 4 बार से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर गलत तरीके से 17.70 रुपए तक की कटौती की गई है.
एक अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह दावा किया गया है कि आईआईटी बॉम्बे ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें यह कहा गया है कि बैंक के द्वारा मिशन डिजिटल इंडिया के तहत हो रहे इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई समेत डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर भी राशि की कटौती की गई है. यह राशि एसबीआई बैंक के द्वारा वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक के दौरान काटी गई है. बैंक के द्वारा देश के करीब 12 करोड़ जनधन खातों से यह कटौती की गई है.
पंजाब नेशनल बैंक ने भी 9.50 करोड़ रूपये ग्राहकों के खाते से वसूले है:
पंजाब नेशनल बैंक ने भी वर्ष 2015 से लेकर 2020 के दौरान 9.50 करोड़ों रुपए बैंक खाता धारकों से वसूल किए हैं कई ऐसे बैंक है जिन्होंने शुरुआत में यह शुल्क लिए परंतु बाद में उन्होंने या राष्ट्रीय ग्राहकों के खाते में लौटा दी परंतु पंजाब नेशनल बैंक और एसबीआई ने ग्राहकों के खातों से पैसे काट कर उन्हें चूना लगाया है.
Also Read: चुनाव आयोग ने राजनितिक दलों को चेताया, नियमो का नहीं किया पालन तो रैलियों पर लगेगी रोक
मालूम हो कि वर्ष 2014 में देश के भीतर नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद या फैसला लिया गया था कि गरीब उन लोगों को भी बैंकों से जोड़ा जाए इसलिए जीरो बैलेंस पर जनधन योजना की शुरुआत की गई थी इस योजना के तहत गरीब लोगों को जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खोल कर दिया जा रहा था साथ ही सरकार के द्वारा यह भी कहा गया था कि यदि इस खाते में कोई व्यक्ति बैंकों के द्वारा तय की गई न्यूनतम राशि नहीं रखता है तो उन पर कोई भी शुल्क नहीं लागू होगा परंतु बैंकों के द्वारा गरीबों के लिए खोले गए जनधन खातों पर भी सेंधमारी गई है और कई करोड़ रुपए की वसूली अवैध तरीके से की गई है.