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बाबूलाल ने माना भाजपा के 20 साल के शासन में सिर्फ भू-माफिया और गुंडाराज पनपा, सीएम से लगाई गुहार

News Desk

भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रांची जमीन घोटाले में ईडी जांच में आए तथ्यों के बाद राज्य गठन के बाद से भूमि संबंधी तमाम गड़बड़ियों घोटालों की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट जज से कराने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

बाबूलाल ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल से लेकर अबतक के सारे ज़मीन हस्तांतरण, म्यूटेशन और जमीन कब्ज़े के मामलों की जांच की मांग की है। बाबूलाल ने कहा कि राज्य में अब यह बात भी सामने आने लगी है कि रांची ही नहीं, राज्य के कई ज़िलों में ऐसे कई जमीन माफिया सक्रिय हैं, जिन्होंने ज़मीन के कागजातों के रखरखाव में सरकारी सिस्टम की कमजोरी और कमी का फायदा उठाकर जालसाज़ी की।

सीएम हेमंत से बाबूलाल को उम्मीद, भाजपा जो जाँच ना कर पाई जो इस सरकार में होगा

जमीन माफियाओं ने बेईमान लोगों का सिंडिकेट बनाकर इस काम को अंजाम दिया है ताकि विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को दबा दिया जा सके। सीएम को लिखे पत्र में बाबूलाल ने कहा है कि झारखंड में ज़मीन के महाघोटाला का पूरा पर्दा़फाश करना अकेले ईडी के वश की बात नहीं है। इसलिए जांच में सीबीआई या हाईकोर्ट जज की मदद लेना जरूरी है।

झारखंड का गठन 2000 में हुआ था उस वक्त भाजपा की तरफ से बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. बाद में अर्जुन मुंडा, रघुवर दास जैसे भाजपा नेता भी सीएम की कुर्सी का सुख भोग चुके है. यानी राज्य गठन के 15 वर्षों से अधिक समय तक भाजपा का शासन रहा है बावजूद इसके बाबूलाल मरांडी सीएम हेमंत सोरेन से जाँच की उम्मीद कर रहे है. जिस पार्टी में बाबूलाल खुद को पूरा समर्पित कर चुके है उनके शासन के दौरान जिन घोटालों की जाँच ना हो सकी वो हेमंत सरकार में होने की उम्मीद बाबूलाल ने जाहिर की है.

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