हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार करने वालों पर तेज़ी से कार्रवाई हो रही है. भू-अर्जन घोटालों में शामिल होने वाले लोगो पर सरकार की पैनी नजर है साथ ही प्रशासन को भी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगो पर कार्रवाई करने का आदेश हेमंत सरकार में दिया गया है.
सिकिदिरी थाना क्षेत्र के चाड़ू निवासी एतवा उरांव और उसकी भाभी सोमरी देवी के मुआवजा का 39 लाख 82 हजार रुपये गबन करने का मास्टर माइंड भू-अर्जन विभाग का अमीन फतेह आलम और उसका साथी सुनील प्रसाद निकला। इसका खुलासा सिकिदिरी पुलिस द्वारा शनिवार की रात फतेह और सुनील की गिरफ्तारी के बाद हुआ। इस मामले में पुलिस अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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पकड़े गए आरोपियों में खूंटी के हुरलुंग का महावीर उरांव, साधो पाहन, कांटाटोली निवासी अमीन फतेह आलम, कांके निवासी सुनील प्रसाद और बुंडू निवासी कृष्णा सिंह शामिल हैं। गबन के मास्टर माइंड भूअर्जन विभाग का अमीन (अनुबंध पर कार्यरत) कांटाटोली निवासी फतेह आलम और कांके के सुनील प्रसाद को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। जबकि तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पहले हुई है। सभी को रविवार को जेल भेज दिया गया।
भू-अर्जन के 39 लाख रुपए गबन का मुख्य आरोपी महावीर को दो जून की रोटी के लाले
पुलिस जांच में पता चला कि सुनील ने ही महावीर के खाते में 10,000 रुपए छोड़कर शेष राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली थी। बाद में उसने सभी पैसे निकाल लिए थे। हालांकि पुलिस ने अभी तक पैसे की रिकवरी नहीं की है। केस आईओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बैंक खाते की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अमीन फतेह आलम ने एतवा और सोमरी की वंशावली में जब एक वंशज को नावल्द देखा तब उसने फर्जी वंशज तैयार करने की साजिश रची। ज्ञात हो कि भारत माला प्रोजेक्ट द्वारा भू अर्जन के बदले एतवा और सोमरी देवी को कुल 79,65,563 रुपये मिलने थे। आरोपियों की गिरफ्तारी में सिकिदिरी थानेदार सत्यप्रकाश रवि, एसआई अरुण कुमार सिंह और विकास कुमार शामिल थे।
षड्यंत्र का शिकार महावीर उरांव बहुत गरीब है, उसे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल है। वह टूटा चप्पल पहनता है। इसमें महावीर को मात्र 1000 रुपये दिए गए थे जबकि साधो पाहन को 40 हजार रुपये मिले थे।