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Jharkhand liquor policy: यदि शराब नीति में बदलाव से राजस्व में इजाफा हो रहा है तो बाबूलाल को इससे दिक्कत क्यों?

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Jharkhand liquor policy: झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग ने दावा किया है कि राज्य की नई शराब नीति की वजह से मई 2022 के दौरान राजस्व संग्रहण में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी जो एक कीर्तिमान है। विभाग ने कहा कि राज्य को 79 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।

राज्य के आबकारी सचिव विनय चौबे ने बताया कि नई शराब नीति लागू होने से पहले अप्रैल 2022 में सिर्फ 109 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि मई 2022 के दौरान 188 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। उन्होंने बताया कि नई नीति से जहां एक तरफ राजस्व में वृद्धि हुई है वहीं दूसरी ओर, नीति में चार बिन्दुओं पर हुए बदलाव के कारण व्यवस्था में भी आमूल-चूल परिवर्तन आया है।

चौबे ने कहा कि राज्य में नई शराब नीति को लेकर 31 मार्च को संकल्प जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि एक महीने में नई शराब नीति तैयार कर 1 मई 2022 से उसे राज्य में लागू कर दिया गया। चौबे ने कहा कि एक महीने में सरकार को उत्पाद राजस्व में 188 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जो एक कीर्तिमान है।उन्होंने कहा कि नई उत्पाद नीति को राजस्व वृद्धि के अनूकूल बनाया गया है जिसमें तीन बिन्दुओं, यथा थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और बार संचालन को लेकर नई नीतियां बनाई गई हैं और देशी शराब नीति में भी संशोधन किया गया है।

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उन्होंने कहा कि पिछली बार राज्य में बिक्री पर राजस्व का प्रावधान था जबकि इस बार की नीति में शराब के उठाव पर राजस्व का प्रावधान किया गया है साथ ही शराब का जहां उत्पादन हो रहा है सरकार नई नीति के अनुरूप वहीं पर ‘ऑनलाइन होलोग्राम’ देकर कोड उपलब्ध करा रही है।

Jharkhand liquor policy: खुदरा शराब बेचने वाली कंपनियों की बैंक गारंटी राशि को किया गया जब्त

उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में शराब की कुल 1434 दुकानें सक्रिय हैं और बीते एक महीने में 49 दुकानों में ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रणाली पायलट परियोजना के रूप में प्रारंभ की गई। उन्होंने बताया कि एक जून से पांच जिलों- रांची, जमशेदपुर, धनबाद, सरायकेला और बोकारो में भी ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रणाली लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि उक्त व्यवस्था लागू होने से लीकेज की आशंका लगभग खत्म हो जायेगी।

राज्य में खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी चार प्लेसमेंट एजेंसियों को दी गयी थी. इनमें सुमित फैसिलिटीज, ए टू-जेड इंफ्रास्ट्रक्चर, इगल हंटर सॉल्यूशन लिमिटेड व प्राइम वन कंपनी शामिल है. शर्त के अनुरूप शराब नहीं बेच पाने के कारण 44 करोड़ की बैंक गारंटी की राशि जब्त कर ली गयी है. इसके अलावा बाजार में थोक शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दो कंपनी को दी गयी थी. इन दोनों कंपनियों के भी 36 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी है. इसके बावजूद बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी को कई तरह की दिक्कतें आ रही है क्या वे झारखंड में राजस्व की प्राप्ति नहीं चाहते हैं।

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