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Blind T20 World Cup 2022: ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत ने बंगलादेश को 120 रनों से हराया, इसमे रांची के सुजीत मुंडा भी शामिल

Ranchi: इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. ब्लाइंड क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप (Blind T20 World Cup 2022) के फाइनल मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को हरा दिया है. टीम इंडिया ने लगातार तीसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप (Blind T20 World Cup 2022) पर कब्जा जमाया. ये ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप (Blind T20 World Cup) का तीसरा सीजन था और तीनों ही बार भारत ने खिताब जीता. फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 2 विकेट खोकर 277 रन बनाए. इसके जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में 3 विकेट पर 157 रन बना सकी. बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने 120 रनों से जीत दर्ज कर टीम इंडिया ने ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप 2022 पर कब्जा जमा लिया.

भारत की ओर से सुनील रमेश 136(63) और कप्तान अजय रेड्डी ने 100(50) रन बनाए। सुनील रमेश मैन ऑफ द फाइनल रहे.

Blind T20 World Cup 2022: भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे झारखंड के रांची से ऑलराउंडर सुजीत मुंडा का पूरे सीरीज में शानदार प्रदर्शन रहा.

Blind T20 World Cup 2022: सीएम हेमंत सोरेन ने दी टीम इंडिया को बधाई

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम को ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने पर ट्विटर के माध्यम से बधाई दी मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि “Congratulations Champions !!
दृष्टिबाधित टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम को अनेक-अनेक बधाई एवं शुभकामनाएं.
टीम का हिस्सा रहे झारखण्ड से ऑलराउंडर सुजीत मुंडा को भी हार्दिक बधाई और खतियानी जोहार”

Blind T20 World Cup: कैसे खेला जाता है ब्लाइंड क्रिकेट

ब्लाइंड क्रिकेट मैच प्लास्टिक की गेंद से होता है. इसके अंदर बॉल बेयरिंग डाले जाते हैं जो किसी झुनझुने की तरह आवाज करते हैं. इनकी आवाज से खिलाड़ी को गेंद का अंदाजा होता है. गेंदबाज प्ले कहकर गेंद फेंकता है, जिससे बैट्समैन और फील्डरों को पता चल जाए कि गेंद फेंकी जा रही है. ब्लाइंड क्रिकेट में अंडरआर्म बॉलिंग की जाती है.

Blind T20 World Cup: ऐसा होता है टीम कॉम्बिनेशन

ब्लाइंड क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों की नेत्रहीनता का स्तर अलग-अलग होता है. सभी 11 खिलाड़ी पूरी तरह से दृष्टिहीन नहीं होते। टीम में 4 खिलाड़ी पूरी तरह से दृष्टिहीन होते हैं. 3 खिलाड़ी आंशिक रूप से दृष्टिहीन होते हैं. 4 खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो आंशिक रूप से देख सकते हैं.