मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हिन्दी दिवस के दिन हम सभी को यह बात समझनी चाहिए कि भाषा मनुष्य जीवन में बहुत ही अहम भूमिका अदा करती है। किसी भी व्यक्ति के लिए धन-दौलत से भी बड़ा उसकी भाषा है। हमारा देश बहुभाषी देश है परंतु एक देशवासी होने के नाते हम सभी लोगों को हिन्दी भाषा को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने उसे जीवित रखने के संकल्प के साथ हिन्दी दिवस को मनाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में विभिन्न भाषा-संस्कृति के लोगों ने तिरंगे झंडे को अपनाने का काम किया है, उसी प्रकार सभी लोग हिन्दी भाषा को अपनाने का काम करें। तिरंगा सिर्फ एक ही भाषा बोलता है कि हम भारतीय हैं। जिस प्रकार तिरंगा देश की पहचान है वैसे ही हिन्दी भाषा भी देश की पहचान होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कहीं न कहीं देश और दुनिया में प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भाषाओं पर बहुत बड़ा आघात पहुंच रहा है। लोग अपने आप को स्थापित करने के लिए भाषायी आघात को बर्दाश्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में हिन्दी भाषा में हो रहे अतिक्रमण को रोकना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुखिया होने के नाते भरोसा दिलाते है कि हिन्दी भाषा पर अतिक्रमण नहीं होने देंगे। हमारा प्रयास है कि राज्य सरकार की पूरी व्यवस्था हिन्दी भाषा को अपनाते हुए कार्य करे। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही।
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राज्य के कई क्षेत्रों में भाषा की जानकारी का फायदा उठाते हैं बिचौलिया
वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा की स्वीकार्यता बढ़ी है
मौके पर मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों के कर कमलों से कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता के उत्कृष्ट प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
सम्मानितत होने वाले प्रतिभागियों में पवन कुमार, सुमित नीरज, मधुप्रिया हेंब्रम उपस्थित थे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे सहित कई गणमान्य साहित्यकार, लेखक एवं शिक्षाविद उपस्थित थे।