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सेना को मिली इमरजेंसी फंड की मंजूरी, प्रोटोकॉल की चिंता नहीं, अब खुली छूट

News Desk

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पिछले कई वर्षों से जारी है, ऐसे में दोनों देशों के बीच समझौता है कि विकट परिस्थितियों में भी बॉर्डर पर हथियार का इस्तेमाल नहीं होगा. कोई भी सैनिक गोली नहीं चलाएगा, लेकिन गलवान की घटना में चीनी सैनिकों ने इसका उल्लंघन कर दिया.

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चीनी सैनिकों ने नुकीले हथियारों से भारतीय जवानों पर हमला किया, लेकिन भारत के सैनिकों ने प्रोटोकॉल का पालन किया. इसपर कई तरह के सवाल उठने के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सेना को खुली छूट है.

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सूत्रों की मानें, तो सरकार ने कहा है कि अगर बात सैनिकों की जान पर आ जाती है और जान को खतरा होता है तो सेल्फ डिफेंस में कदम उठाएं और प्रोटोकॉल की चिंता ना करें. गलवान घाटी में तनाव के बाद से ही भारत की तीनों सेनाएं सतर्क हैं. लद्दाख के पास लगातार थल सेना को भेजा जा रहा है, बॉर्डर और आसपास के इलाकों में तैनाती बढ़ाई जा रही है. साथ ही वायुसेना ने भी लेह एयरबेस पर अपने पैर जमा लिए हैं.

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इस बीच सरकार की ओर से सेना को इमरजेंसी फंड दिया गया है. इसके तहत 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, साथ ही सेना को अब ये छूट है कि जरूरत के लिए वह किसी भी हथियार की खरीदारी तुरंत कर सकते हैं. ऐसे में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने सेना का साथ दिया है.

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कड़े फैसलों के अलावा देश में चीन के खिलाफ गुस्से का माहौल है. भारत सरकार ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर एकजुटता दिखाने का काम किया. तो वहीं आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को चोट दी गई, बीएसएनल-एमटीएनएल में अब सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल होगा तो वहीं रेलवे ने चीनी कंपनी से टेंडर वापस ले लिया. इसके अलावा आम लोग भी बड़े स्तर पर चीनी प्रोडक्ट का विरोध कर रहे हैं.

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