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Madhupur Assembly By-Election: मधुपुर उपचुनाव की मतगणना शुरू, इस वक्त आएगा पहला रुझान

Shah Ahmad
Madhupur Assembly By-Election: मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है. इस सीट पर भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा आमने-सामने हैं. मुकाबला कांटे का दिख रहा है. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई है.

मतगणना के लिए ब्रजगृह का सील तोड़कर ईवीएम को बाहर निकाल मतगणना स्थल पर पहुंचाया जा रहा है. मतगणना का पहला रुझान सुबह 9:00 बजे के बाद आने लगेगी दोपहर बाद तक परिणाम आने की पूरी संभावना है. मुख्य मुकाबला झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और झामुमो प्रत्याशी हाफिजुल हसन अंसारी और भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह के बीच है. मधुपुर विधानसभा सीट को सत्ताधारी दल से लेकर विपक्ष ने इसे अपनी शाख को लेकर चुनावी प्रचार किया है इस वजह से यह सीट काफी हाई प्रोफाइल बना दिया गया.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस सीट को अपने लिए खास बताकर चुनाव को रोमांचक बना चुके हैं. 8 दिन तक मुख्यमंत्री ने इस विधानसभा क्षेत्र में कैंप कर रणनीति बनाकर काम किया है. भाजपा की पूरी टीम ने भी रणनीति बनाकर मैदान साधने की पूरी कोशिश की है. फैसला आज आएगा जनता किसके सिर पर सेहरा बांधेगी यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तो दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यदि झारखंड मुक्ति मोर्चा मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करती है तो वह एक बार फिर साबित कर देगी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का चेहरा झारखंड के लोगों को आज भी पसंद है वही यदि भाजपा दुमका और बेरमो के बाद मधुपुर हारती है तो बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल खड़े होंगे.

Madhupur Assembly By-Election: मधुपुर उपचुनाव की मतगणना शुरू, इस वक्त आएगा पहला रुझान 1

राज्य में जब से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता संभाली है उसके बाद से राज्य में यह तीसरा विधानसभा उपचुनाव है इससे पहले दुमका और बेरमो में उपचुनाव हो चुके हैं जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने अपनी सीट बचाने में कामयाब हुई थी. वही दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा था. बाबूलाल मरांडी जब से भाजपा की कमान संभाले हैं दोनों विधानसभा उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है जिस वजह से मधुपुर दोनों ही पार्टियों के लिए साख की बात बन गई है. मधुपुर झामुमो हारती है तो मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर सवाल उठता है वहीं भाजपा जीतती है तो एक बार फिर बाबूलाल मरांडी सहित अन्य नेताओं की रणनीति को बेहतर मानते हुए पार्टी आलाकमान उन्हें आगे की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.

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17 अप्रैल को मधुपुर उपचुनाव के लिए हुए मतदान में 71.66 फीसद मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया जनता के रुझान से इतना तो साफ हो गया है कि भाजपा झामुमो के बीच ही सीधी लड़ाई है. दावा दोनों दलों के द्वारा किया जा रहा है और होना भी लाजमी है जब तक परिणाम नहीं आ जाते हैं तब तक सब जीतता है परिणाम आने के बाद एक जीतता है तो दूसरा हारता है.