हर साल देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day 2022) के रूप में मनाया जाता है.
संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. यही संविधान हमारे देश की शासन व्यवस्था का आधार बना. इसी उपलक्ष में भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर की तिथि को इस दिवस के रूप में घोषित किया. इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना है. संविधान दिवस के दिन हम सभी संविधान निर्माताओं को याद करते हैं. साथी हम उन रास्तों पर भी विचार करते हैं जिस पर चलने की सीख हमें संविधान से मिलती है. भारत का संविधान एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य की घोषणा करता है. अपने नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है. आपको यह भी बता दें की भारत का संविधान पूरे विश्व में सबसे बड़ा लिखित संविधान है.
Constitution Day 2022: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
वर्तमान संविधान का मसौदा डॉ. बी. आर. अंबेडकर की
Constitution Day 2022: कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
भारत में संविधान सभा के गठन का विचार वर्ष 1934 में पहली बार एम. एन. रॉय ने रखा था. कैबिनेट मिशन योजना द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों के तहत नवंबर 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ. संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई. 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सभा में उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया. संविधान सभा की प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था.
26 नवंबर 1949 को अपनाए गए संविधान में प्रस्तावना 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी. प्रस्ताव को पूरे संविधान को लागू करने के बाद लागू किया गया. 2 साल 11 माह और 18 दिनों में संविधान सभा की कुल 11 बैठक के हुई संविधान सभा द्वारा हाथी को पत्ती मोहर के रूप में अपनाया गया था. सर बी. एन. राव संविधान सभा हेतु संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किए गए मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेख वसंत कृष्ण वैद्य ने किया था.