हजारीबाग शहरवासियों को हो रही थी परेशानी
मालूम हो कि हजारीबाग शहर की करीब आधी भूमि का राजस्व रसीद हजारीबाग नगरपालिका द्वारा निर्गत किया जाता था। वर्ष 2011- 12 में तत्कालीन एसडीओ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर अब तक जमीन की खरीद-बिक्री, म्यूटेशन, आदि को लेकर लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला प्रशासन के पास भी रसीद निर्गत करने का अधिकार नहीं था, जिससे समस्या जटिल होती जा रही थी। इस बाबत पूर्व में विधानसभा में भी सवाल पूछे गए। कई जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निराकरण की मांग कई बार पूर्व की सरकारों के समक्ष रखा था। लेकिन समाधान कभी नहीं निकल पाया। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मामले की जानकारी के उपरांत रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु राजस्व विभाग को रसीद निर्गत करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की है।