Ranchi: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार राज्य के 61 हज़ार पारा शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित कर रही हैं. पूर्व की सरकारों में जिन्हें अपनी नौकरी जाने का डर होता था उन्हें अब नौकरी खत्म होने के बाद पेंशन सहित अन्य लाभ मिलने वाले है. यह इसलिए मुमकिन हो पाया है क्यूंकि राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार हैं।
झारखंड के 61 हजार सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) को ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ मिलेगा। 12 फीसदी राशि पारा शिक्षकों के मानदेय से कटेगी, जबकि 13 फीसदी राशि का वहन सरकार करेगी। एक जनवरी 2023 के प्रभाव से इसे लागू करने की तैयारी है। इससे जुड़े प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को मंजूरी दे दी। शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। अब इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग की अनापत्ति ली जाएगी फिर कैबिनेट की मंजूरी लेकर लागू किया जाएगा।
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सभी पारा शिक्षकों को एक समान ईपीएफ का लाभ मिलेगा। इन्हें15 हजार के नियत मानदेय पर ही ईपीएफ का लाभ दिया जाएगा। इस मानदेय का 12 प्रतिशत यानी 1800 रुपये पारा शिक्षकों के मानदेय से कटेगा, जबकि 13 प्रतिशत राशि यानी 1950 रुपये सरकार देगी। इस तरह एक पारा शिक्षक का एक महीने में ईपीएफ में 3,750 रुपये जमा हो सकेगा।
दो किस्त के बाद निधन तो आश्रित को पूरी पेंशन पारा शिक्षक अगर 50 वर्ष के हैं और ईपीएफ में दो किस्त भी जमा करते हैं और किसी कारणवश निधन हो जाता है, तो उनकी बची 10 साल की सेवा को पूरी मानते हुए उसी समय से उनके आश्रित के लिए पूरी पेंशन शुरू की जाएगी। इसके अलावा निधन होने पर छह लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे
3000 पारा शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर
बैठक में राज्य के करीब 3000 पारा शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने पर भी निर्णय लिया गया। वैसे पारा शिक्षक, जो प्राथमिक स्कूल में कार्यरत हैं और वे छठी से आठवीं की शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किये हैं, तो उन्हें मिडिल स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।
सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का मिलेगा लाभ
ईपीएफ की राशि जमा होने पर सेवानिवृत्ति के बाद पूरी जमा राशि सूद समेत वापस होगी। इसके साथ ही पेंशन का भी लाभ मिलेगा। अगर किसी पारा शिक्षक की उम्र 50 साल हो गयी है और 10 साल सेवा बाकी है, तो सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 2143 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। अगर 20 साल सेवा बची है, तो पेंशन 4285 रुपये मिलेगी। पेंशन का निर्धारण 15,000 के नियत वेतन को बची सेवा से गुणा कर किया जाएगा और उसे 70 से भाग दिया जाएगा।
इसकी आधार निकलने वाली राशि पेंशन के रूप में दी जाएगी।
मानदेय वृद्धि के लिए आकलन परीक्षा जनवरी में
राज्य के पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। वित्त व कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। पारा शिक्षकों के वेतन की विसंगति भी दूर कर ली गई है। उनका समायोजन हो सकेगा। 10 फीसदी मानदेय की बढ़ोतरी के लिए जनवरी के अंत में आकलन परीक्षा ली जाएगी। – जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री, झारखंड