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Jharkhand Daroga Recruitment 2023: झारखंड में 4 साल बाद 946 पदों पर दरोगा की होगी सीधी बहाली, जाने पूरी प्रक्रिया!

zabazshoaib

Jharkhand Daroga Recruitment 2023: झारखंड में दरोगा की नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. झारखंड कर्मचारी आयोग ( JSSC) द्वारा जल्द ही झारखंड दरोगा का विज्ञापन का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. झारखंड में 4 साल बाद अब 946 पदों पर दरोगा की सीधी बहाली होगी. पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को इसकी अधियाचना भेजी है. इसमें कहा गया है कि यह अधियाचना दरोगा की भर्ती के लिए राज्य कर्मचारी आयोग को भेजी जाए. इस अधियाचना के मुताबिक 596 की भर्ती रेगुलर नियुक्ति के आधार पर की जाएगी. इसके लिए रोस्टर क्लीयरेंस भी हो चुका है. इसके अलावा जिला इकाइयों में बैक लॉक की 350 रिक्तियां हैं. इन दोनों को मिलाकर कुल 946 पदों पर नियुक्ति होगी. इसके अलावा साजेंट (प्रारक्षा अवर निरीक्षक) के खाली पड़े 29 पदों पर भी बहाली होगी. सार्जेंट के कुल 100 पद स्वीकृत है इसमें 71 कार्यरत हैं गौरतलब है कि राज्य में अब तक सिर्फ दो बार ही दरोगा की नियुक्ति हुई है वर्ष 2012 में 384 और 2018 में 2580 दरोगा की बहाली हुई थी इसमें स्पेशल ब्रांच में 480 दरोगा भी शामिल है.

JSSC Daroga Recruitment 2023: शैक्षणिक योग्यता:-


किसी भी मानता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
ऑनलाइन आवेदन भरने की अंतिम तिथि तक आवेदक को केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा स्थापित संस्था मान्यता प्राप्त College से सभी परीक्षाओं में पास होना अनिवार्य है।

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JSSC Daroga Recruitment 2023: महत्वपूर्ण सूचनाएं:-

एससी(SC) को मिलने वाले 26 प्रतिशत आरक्षण में 2% पद अधीन जनजाति के लिए क्षैतिज रूप से आरक्षित किया गया है वहीं कुल पदों का 2% खेलकूद कोटे के लिए आरक्षित रखा गया है महिलाओं के लिए कुल पदों पर पदों का 5% क्षैतिज रूप से आरक्षित होगा.

JSSC Daroga Recruitment 2023: आवेदन शुल्क:-

  • GEN / OBC / EWS :- ₹100
  • SC / ST / PH :- ₹50•
    All Category Female:- ₹50

हेमंत सरकार ने नियुक्ति का फॉर्मूला बदला, पहले दौड़ा, फिर लिखित परीक्षा

हेमंत सरकार ने दारोगा-सिपाही नियुक्ति का फॉर्मूला बदल दिया है. अब पहले दौड़ की प्रकिया पूरी होगी, फिर लिखित परीक्षा होगी. दरअसल, शिबू सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में पुलिस बहाली में दौड़ को प्राथमिकता दी जाती थी लेकिन रघुवर दास ने इस नियम को बदल दिया था पहले लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य था इसके बाद ही दौड़ की प्रक्रिया होती थी हेमंत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस नियम को बदल दिया पहले दौड़ की प्राथमिकता देने का फैसला लिया.

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