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जनता को मुर्ख बनाने के लिए है नई शिक्षा नीति, राज्य में नहीं होगा लागू- जगरनाथ महतो

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झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए शिक्षा नीति पर बोलते हुए कहा की यह केवल जनता को मुर्ख बनाने के लिए है. इससे कोई खासा फायदा नहीं होने वाला है. राज्य में नई शिक्षा नीति पूरी तरह से लागू नहीं की जाएगी।

नई शिक्षा नीति में क्या है खास:

नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. हायर एजुकेशन के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर). उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी GER पहुंचने का लक्ष्य है. मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया जायेगा. अभी की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरंग पढ़ने या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी।

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6-9 वर्ष के जो बच्चे 1-3 क्लास में होते हैं उनके लिए नेशनल मिशन शुरू किया जाएगा ताकि बच्चे बुनियादी साक्षरता और न्यूमरेसी को समझ सकें. स्कूली शिक्षा के लिए खास करिकुलर 5+3+3+4 लागू किया गया है. इसके तहत 3-6 साल का बच्चा एक ही तरीके से पढ़ाई करेगा ताकि उसकी फाउंडेशन लिटरेसी और न्यमरेसी को बढ़ाया जा सके. इसके बाद मिडिल स्कूल यानी 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा. फिजिक्स के साथ फैशन की पढ़ाई करने की भी इजाजत होगी. कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी।

रिसर्च में जो रूचि रखते हैं उनके लिए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम किया जायेगा. और जो नौकरी में जाना चाहते हैं उनके लिए 3 साल का ही डिग्री प्रोग्राम किया जायेगा . लेकिन जो रिसर्च में जाना चाहते हैं वो एक साल के एमए (MA) के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद पीएचडी (PhD) कर सकते हैं. इसके लिए एमफिल (M.Phil) की जरूरत नहीं होगी।

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जगरनाथ महतो क्यों कर रहे है विरोध:

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो नई शिक्षा नीति से सहमत नहीं है, नई शिक्षा नीति को झारखंड में लागू नहीं करने पर उन्होंने अपना पक्ष रखा है और साफ़ किया है की आखिर क्यूँ राज्य में नई शिक्षा नीति को लागू कर पाना कर पाना मुश्किल है. शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा की अगर हम नई शिक्षा नीति लागू करते है तो राज्य के 65,000 पारा शिक्षको की नौकरी चली जाएगी। बड़ी संख्या में जब शिक्षक नहीं होंगे तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था कैसे चलेगी? केंद्र की नई शिक्षा नीति में 2022 तक कॉन्ट्रैक्ट शिक्षको को हटाने का प्रावधान है.

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आगे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा की राज्य में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है, नई शिक्षा नीति लागू होने से वहां कार्यरत लोगो को नौकरी से बेदखल कर दिया जायेगा। तो क्या केंद्र सरकार ये बताएगी की आंगनबाड़ी केंद्र कैसे चलेगा और बच्चो की पढाई कैसे होगी? साथ ही उन्होंने यह भी कहा की राज्य के टेट परीक्षा को समाप्त कर केंद्र टेट परीक्षा को मान्यता दी जाएगी इससे गाँव में रहने वाले बच्चो को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

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