राज्य में हेमंत सरकार बनने के बाद बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का बीजेपी में विलय कर घर वापसी कर गए. निर्वाचन आयोग ने भी बाबूलाल मरांडी को बीजेपी का विधायक घोषित कर दिया है. बावजूद इसके उनके नेता प्रतिपक्ष बनने की मुश्किलें कम नहीं हुई है. इसे लेकर बीजेपी लगातर हेमंत सरकार पर हमलावर है.
Also Read: JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास में कोरोना का दस्तक, 12 लोग मिले पॉजिटिव
राज्यपाल से मिले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष:
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाये जाने का मामला उठाया। विधानसभा में बाबूलाल को स्पीकर की तरफ से बीजेपी विधायक दल का नेता न मानने की बात कही है. साथ ही इसपर राज्यपाल से दखल की मांग की गयी है.
दीपक प्रकाश ने मीडिया के सामने कहा की राज्य में लोकतंत्र और संविधान के मर्यादाओ का घोर हनन किया जा रहा है. राज्य में बीजेपी के पास 26 विधायक है. सभी ने एक सुर में बाबूलाल को अपना नेता माना है. एक पत्र भी स्पीकर को सौपा गया है जिसमे सभी विधायकों का हस्ताक्षर है. बावजूद इसके उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया जा रहा है. दीपक प्रकाश ने यहाँ तक कह दिया की मनो ऐसा लग रहा है एक राजनितिक षड्यंत्र के तहत उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनने नहीं दिया जा रहा है.
Also Read: जनता को मुर्ख बनाने के लिए है नई शिक्षा नीति, राज्य में नहीं होगा लागू- जगरनाथ महतो
निर्वाचन आयोग ने बीजेपी नेता माना फिर किस बात का संशय:
दीपक प्रकाश ने आगे कहा की राज्यसभा चुनाव के वक्त ही निर्वाचन आयोग यह साफ़ कर चुकी है की बाबूलाल मरांडी बीजेपी के विधायक है और राज्यसभा चुनाव में भी उन्होंने बीजेपी विधायक के रूप में मतदान किया था, तो फिर किस बात का संशय बना हुआ है. आखिर स्पीकर पर ऐसा कौन सा दबाव है जिसकी वजह से वे फैसला नहीं ले पा रहे है. बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और प्रदीप वर्मा ने राज्यपाल से मुलाकात कर इसपर हस्तक्षेप करने की मांग रखी है.