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झारखंड के 7 जिलों में बिजली की कटौती कर रहा है डीवीसी, जाने क्या है वजह

दामोदर दामोदर घाटी निगम झारखंड के 7 जिलों में बिजली उत्पादन करके राज्य सरकार को देती है जिसके एवज में डीवीसी के द्वारा राज्य सरकार से पैसे वसूले जाते हैं सोमवार 21 दिसंबर से एक बार फिर डीवीसी ने अपने कमांड एरिया के अंतर्गत पड़ने वाले 7 जिलों में बिजली कटौती की शुरुआत कर चुकी है

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डीवीसी ने जिन 7 जिलों में बिजली कटौती की शुरुआत की है उनमें धनबाद, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो शामिल है. डीवीसी के द्वारा शुरू की गई बिजली कटौती को लेकर राज्य सरकार की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है राज्य के ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार ने डीवीसी के अधिकारियों से बात कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

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राज्य के ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार का कहना है कि डीवीसी ने जब राज्य सरकार के खाते से ही 1417.50 करोड़ों रुपए काट लिए हैं इसके बाद फिर बिजली कटौती करने का क्या आधार बनता है? कोरोनावायरस राज्य के राजस्व वसूली पर भारी असर पड़ा है वितरण निगम बिजली खरीद की राशि देने को प्रतिबद्ध है परंतु प्रक्रिया में विलंब हो रहा है कोरोनावायरस के कारण डीवीसी को बिजली कटौती पर पुनर्विचार करना चाहिए डीवीसी के द्वारा पूर्व में दिए गए आश्वासन के बावजूद बिजली काटने पर सचिव ने नाराजगी जाहिर की है सरकार की तरफ से डीवीसी चेयरमैन को आपत्ति जताते हुए एक पत्र लिखा गया है.

क्या है पूरा मामला जिस वजह से डीवीसी कर रहा है बिजली कटौती:

डीवीसी के द्वारा राज्य सरकार को जो बिजली दी जा रही है उसके एवज में डीवीसी के द्वारा राज्य सरकार से राशि की वसूली की जाती है लेकिन कई सालों से राज्य सरकार की तरफ से डीवीसी को बिजली के एवज में राशि नहीं दी जा रही है. रघुवर सरकार के कार्यकाल के दौरान ही डीवीसी का राज्य सरकार पर 4000 करोड़ से अधिक की राशि का बकाया हो चुका था बीते 1 वर्षों में यह राशि धीरे-धीरे बढ़ रही है लेकिन हेमंत सरकार के द्वारा सितंबर 2020 में बिजली आपूर्ति मद से 150 करोड़ रुपए भुगतान का आश्वासन के बाद डीवीसी के द्वारा बिजली की कटौती नहीं की जा रही थी डीवीसी को सितंबर 2020 में मिले आश्वासन के बाद मात्र 25 करोड़ का ही भुगतान किया गया है साथ ही 25 करोड़ के भुगतान का भरोसा भी दिया गया था.

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बता दें कि डीवीसी से खरीदी गई बिजली के एवज में 5608.32 करोड रुपए बकाया भुगतान के लिए केंद्र सरकार के द्वारा सितंबर महीने में झारखंड सरकार को एक नोटिस भेजा गया था जिसमें साल 2017 में हुए त्रिपक्षीय समझौते की शर्तों का हवाला देते हुए यह कहा गया कि डीवीसी के बकाए के एवज में राज्य सरकार के खाते से चार किस्तों में राशि काटने की बात कही गई है. केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को पहली किस्त के रूप में 1417.50 करोड रुपए राज्य सरकार के खाते से काट लिए हैं अब दूसरी किस्त का समय जनवरी 2021 है जो काफी नजदीक है.