भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह सिंहभूम के पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में झामुमो की सरकार बने 6 महीने हो गए परन्तु अब तक सरकार ने कोई भी एक बड़ा काम नहीं किया है. और ना ही पहले की योजनाओ को धरातल पर उतारा है.
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विधानसभा चुनाव के समय झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जनता से काफी वादे किए थे मगर एक भी वादा इन लोगों ने पूरा नहीं किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि वह सरकार बनने के बाद जल्द ही स्थानीय नीति को अपनी भाषा में परिभाषित करेंगे. और स्थानीय लोगों को रोजगार देंगे मगर अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ
आगे लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस चीज का इंतजार कर रही है कि मौजूदा सरकार स्थानीय नीति को कब अपनी भाषा में परिभाषित करेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग पूरे राज्य में घूम-घूम कर दिया कह रहे थे कि यदि हमारी सरकार बनेगी तो हम लोग पारा शिक्षकों को परमानेंट कर देंगे।
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सरकार से हमारा सवाल है कि वह परमानेंट तो कर देंगे मगर पारा शिक्षकों को वेतन कहां से देंगे क्योंकि आपके पास तो पैसे ही नहीं है आप आए दिन रोते रहते हैं कि सरकार के पास फंड नहीं है आप केंद्र सरकार से बार-बार आर्थिक पैकेज की मांग करते हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आपने इससे विकास वाहिकाओं को भी मानदेय देने की घोषणा की थी मगर मौजूदा सरकार अब तक अपने वायदों पर खरा नहीं उतरी है
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कोरोना पर लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि राज्य में जिस रफ्तार से कोरोना का टेस्ट होना चाहिए था उस तरह से कोरोना का टेस्ट नहीं हो रहा है लोगों के कोरोना रिपोर्ट की गति काफी धीमी है. राज्य में सबसे पहले कोरोना के मामले हिंदपिढ़ी से आए यदि सरकार मौका रहते हिन्दपीढ़ी को पूरी तरह का सील कर देती तो आज राज्य में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा साढ़े तीन हजार नहीं पंहुचता.