आने वाले दिनों में झारखंड कांग्रेस के अंदर खलबली मच सकती है. कांग्रेस विधायकों ने आलाकामन से कहा की सरकार में उनकी नहीं सुनी जाती है और न ही तर्जी दी जाती है. ऐसे में अपनी क्षेत्र की समस्याओ का समाधान नहीं कर पाते। जिस वजह से संगठन कमजोर पड़ सकता है.
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दिल्ली पहुँचे तीन विधायक, नज़रअंदाज करने का लगाया आरोप:
झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक इरफ़ान अंसारी (जामताड़ा), उमाशंकर अकेला (बरही) और राजेश कच्छप (खिजरी) दिल्ली पहुंचे थे. जहाँ उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आज़ाद मुलाकात कर हेमंत सरकार में किये जा रहे नज़रअंदाज़ को बताया। इन तीनो विधायकों की अगुवाई राज्यसभा सांसद धीरज साहू कर रहे है. उन्ही के नेतृत्व में ये तीनो विधायक दिल्ली पहुँचे थे.
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हेमंत सरकार में नहीं सुनी जाती हमारी बात:
दिल्ली गए तीन कांग्रेस विधायकों ने अपनी सहयोगी पार्टी के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया है की हमारी बाते नहीं सुनी जाती है. अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग मनमुताबिक कराने का दबाव बनाते हैं। इसे विधायक गलत नहीं मानते। क्षेत्र में मनपसंद अधिकारियों की तैनाती इनका बड़ा एजेंडा है। इसके अलावा खाली पड़े मंत्री के एक पद को जल्द से जल्द भरने की मांग उठाई गई है। विधायकों ने आलाकमान से गुहार लगाई है।
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कांग्रेस के अंदर पद को लेकर मचा है घमासान:
प्रदेश कांग्रेस में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू करने की भी मांग उठाई गई। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव राज्य सरकार में वित्तमंत्री भी है। उन्हें एक पद से मुक्त करने की मांग अरसे से उठ रही है। साथ ही राज्य सरकार में मंत्री का एक पद खाली पड़ा है. उसे अपने पाले में करने के लिए सभी अपने-अपने तरीके से लगे हुए है. कांग्रेस खाली पड़े मंत्री के पद पर दावेदारी करे और वरिष्ठ विधायकों में से एक को मंत्री बनाया जाए। जो विधायक मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाए, उन्हें बोर्ड और निगमों में एडजस्ट किया जाए। इन विधायकों ने आलाकमान को जानकारी दी है कि उनकी मांगों की अनदेखी करने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।