झारखंड एक बार फिर अंधकार में डूब सकता है, जी हाँ आप सही सुन रहे है. अगर आप धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और चतरा जिले के निवासी है तो ये खबर आपके लिए जानना बेहद ही जरुरी है.
दरअसल दामोदर घाटी निगम ( DVC ) ने झारखंड बिजली वितरण निगम से अपने बकाया 5670 करोड़ मांगे है. DVC ने झारखंड बिजली वितरण निगम को 30 जून तक बकाया भुगतान करने की चेतावनी दी है। भुगतान नहीं होने पर जुलाई माह से बिजली कटाैती की चेतावनी दी है। यह कटाैती 18 घंटे तक हो सकती है.
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झारखंड सरकार और डीवीसी के बीच का बकाया विवाद चला आ रहा है। झारखंड सरकार, डीवीसी से बिजली खरीदकर धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और चतरा जिले के उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराती है। 2020 के फरवरी महीने के अंत में 4995 करोड़ रुपये बकाया होने पर डीवीसी ने झारखंड के कमांड क्षेत्र में बिजली की कटाैती शुरू कर दी थी।
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400 करोड़ रुपये के तत्काल भुगतान और 14 मार्च को हुए लिखित समझौते के बाद डीवीसी ने बिजली आपूर्ति सामान्य की। इस दाैरान डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच 14 समझौता हुआ था जिसके तहत 24 किस्तों में बकाया का भुगतान किया जाना था। लेकिन जेबीवीएनएल ने समझौते का पालन नहीं किया। समझौते के बाद झारखंड की तरफ से एक भी किस्त का भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद डीवीसी ने फिर से बिजली कटाैती की चेतावनी दी है।
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डीवीसी ने झारखंड बिजली वितरण निगम को तर्क देते हुए कहा है कि बिजली उत्पादन करन के लिए कोयले की खरीदारी करनी पड़ती है। डीवीसी पर कोल इंडिया की 1200 करोड़ की देनदारी है। डीवीसी को भी कोल इंडिया को 1200 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। बिजली बिल का बकाया नहीं मिलने के कारण हम कोल इंडिया को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। यदि 30 जून तक बकाया राशि का भुगतान आरंभ नहीं किया गया तो जुलाई माह से बिजली कटाैती शुरू कर दी जाएगी।