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कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 18 अगस्त को मजदूर संगठनो का हड़ताल

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देशभर में कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था की हालत पूरी तरह से बिगड़ चुकी है. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत मिशन की शुरुआत की गई है. इसी के तहत प्रथम चरण में देशभर के 41 कोल ब्लॉक की नीलामी की जाएगी या यूँ कहे की निजी हाथो में सौपी जाएगी। कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर 18 अगस्त को एक बार फिर मजदूर संगठन हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे है.

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पूर्व में भी हो चूका है कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ हड़ताल:

कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ पूर्व में भी तीन दिवसीय हड़ताल हो चूका है. कोल ब्लॉक को निजी हाथो में सौपने और कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर मजदुर संगठन पिछले माह यानी जुलाई में 2-4 तारीख के बीच हड़ताल पर जा चुके है. एक बार फिर मजदूर संगठन हड़ताल पर जाने की घोषण कर चुके है. इस बार वे 18 अगस्त को हड़ताल पर जायेंगे। क्यूंकि इसी दिन 41 कोल ब्लॉक की नीलामी होना है. जिसका विभिन्न मजदुर संगठन लगातार विरोध कर रहे है.

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झारखंड के कोल ब्लॉक की भी होगी नीलामी:

18 अगस्त को जिन 41 कोल ब्लॉक की नीलामी होना है उनमें झारखंड के भी 9 कोल ब्लॉक शामिल है. ऐसे में लाजमी है की इसका व्यापक असर झारखंड में देखने को मिलेगा। झारखंड में कोल ब्लॉक नीलामी का विरोध इस कदर है की राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुके है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर एक याचिका दायर की है जिसमे कहा गया है की कोल ब्लॉक के निजीकारण का फैसला लिया गया है साथ ही इसकी नीलामी भी होनी है लेकिन जिस राज्य में यह सब होगा उसे ही इसकी खबर नहीं है. बिना राज्य सरकार से विचार किए कैसे नीलामी की जा सकती है.

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