जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री रहे सरयू राय की पुस्तक “लम्हो की खता” का लोकार्पण हो गया है. पूर्व की अर्जुन मुंडा सरकार में रघुवर दास जिस समय नगर विकास मंत्री और उपमुख्यमंत्री थे, ये कहानी उस वक्त की है.
आखिर क्या है मेनहर्ट घोटाला, जिसपर सरयू राय है मुखर:
बिहार से अलग होकर साल 2000 में जब झारखंड बना उस वक्त राज्य की राजधानी रांची को देखकर कोई नहीं कह सकता था की ये किसी राज्य की राजधानी भी हो सकती है. 2003 में रांची हाईकोर्ट ने रांची की सिवरेज ड्रेनेज दुरुस्त करने का आदेश निकाला। काम शुरू होते-होते सियासत ने कई करवट लिए और 2006 में अर्जुन मुंडा झारखंड में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास उप मुख्यमंत्री औऱ नगर विकास मंत्री थे.
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रांची में बरसात का पानी नालियों में बहने के बजाए सड़को पर बहती थी, रांची शहर में सिवरेज और ड्रेनेज बनाने का काम विभाग ने ORG/SPAM Private Limited का चयन किया. कंपनी ने काम शुरू कर दिया. करीब 75 फीसदी डीपीआर बनने के बाद कंपनी से काम वापस ले लिया गया और काम मैनहर्ट कंपनी को दे दिया गया. सिवरेज और ड्रेनेज बनाने का काम एक कंपनी से बदल कर दूसरी कंपनी ( मेनहर्ट ) को देने का विरोध सरयू राय शुरू से ही करते रहे है. इसी मुद्दे पर सरयू राय ने “लम्हो की खता” नामक पुस्तक लिखी है.
राँची में हुआ पुस्तक का विमोचन, झारखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ने किया पुस्तक लोकार्पण:
मेनहर्ट नियुक्ति घोटाला पर विधायक सरयू द्वारा लिखित पुस्तक ‘लम्हों की खता’ का विमोचन आज सोमवार को किया गया। शाम साढ़े चार बजे एक सादे समारोह में पुस्तक का विमोचन झारखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर कुछ गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे। पुस्तक का प्रकाशन नेचर फाउंडेशन ने किया है। पुस्तक का लोकापर्ण झारखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार सिंह ने किया। पुस्तक में रांची में सीवरेज-ड्रेनेज के लिए नियुक्त किए गए परामर्शी मेनहर्ट कंसलटेंसी को लेकर हुई अनियमितता का विस्तार से जिक्र है।
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रविवार को सरयू राय ने पुस्तक की सॉफ्ट प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार के गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजी।