झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ( Banna Gupta) ने MGM मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरुण कुमार को सस्पेंड किया है. साेमवार को रांची के नेपाल हाउस में समीक्षा बैठक में मंत्री श्री गुप्ता ने यह आदेश दिया. इस दौरान कई अन्य फैसले भी लिए गये.
स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले किसी भी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मचारी को छोड़ा नहीं जायेगा. राज्य में चिकित्सा सेवा को बेहतर करने में राज्य सरकार लगी है, लेकिन कुछ लोगों के कारण छवि खराब हो रही है. उन्होंने वर्षों से अस्पताल में पदस्थापित तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों का टेबल ट्रांसफर करने का निर्देश दिया.
पूर्वी सिंहभूम डीसी करेंगे MGM अस्पताल परिसर के जर्जर भवन का आकलन:
एमजीएम में जांच सुविधा को बढ़ाने के लिए उपकरणों की खरीद पर भी अपनी सहमति दी. इसके लिए स्वास्थ्य सचिव को 11.78 करोड़ रुपये के उपकरण और मशीनों की खरी कॉरपोरेशन के माध्यम से कराने का निर्देश दिया गया. वहीं, 2.29 करोड़ के फर्नीचर की खरीद कराने को भी कहा गया. इसके अलावा एमजीएम अस्पताल परिसर के जर्जर भवन और उसकी मरम्मतीकरण का आकलन करने की जिम्मेदारी पूर्वी सिंहभूम डीसी को दी गयी. उनको स्थल निरीक्षण कर तत्काल रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
पीपीपी मोड पर कार्डियोलॉजी और कैंसर विभाग होगा शुरू:
स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधा को बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड पर कार्डियोलॉजी और कैंसर विभाग को शुरू करने को कहा. कैथलैब को स्थापित करने का निर्देश दिया. MGM अस्पताल में कार्यरत जूनियर चिकित्सकों के बकाया वेतनमान के लिए राशि आवंटित करने का आदेश भी जारी किया गया. बैठक में मंत्री, स्वास्थ्य सचिव के अलावा अस्पताल के अधीक्षक, उपाधीक्षक, संयुक्त सचिव अलोक त्रिवेदी सहित एमजीएम के कई स्वास्थ्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति पर हुई चर्चा:
समीक्षा बैठक में एमजीएम अस्पताल में मैनपावर की समीक्षा की गयी. अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है, जिससे चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में परेशानी होती है. इसके बाद वर्तमान समय में कार्यरत आउटसोर्स कंपनी की स्थिति और मैनपावर का आकलन किया गया. वहीं, पूर्वी सिंहभूम डीसी से रिपोर्ट देने को कहा गया है.