झारखंड में नए डीजीपी को लेकर कवायद तेज हो गयी है. राज्य के पूर्व डीजीपी केएन चौबे को दिल्ली भेजने के बाद एमवी राव को राज्य का कार्यकारी पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है. एमवी राव फ़िलहाल झारखंड के डीजीपी है लेकिन फुलटाइम के लिए नहीं, बल्कि वो डीजीपी के प्रभार में है.
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झारखंड डीजीपी के तौर पर एमवी राव की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. याचिका में एमवी राव की नियुक्ति के फैसले को चुनौती दी गयी है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि राज्य पुलिस प्रमुखों के तय कार्यकाल और वरिष्ठता के संबंध में शीर्ष न्यायालय के आदेशों का सरकार ने उल्लंघन किया है.
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गिरिडीह जिले के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले प्रह्लाद नारायण सिंह ने एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाये जाने के फैसले पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने सत्तारूढ़ दल झामुमो के राजनीतिक हितों को संतुष्ट करने के लिए की गयी नियुक्ति करार दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि झारखंड कैडर के आइपीएस अधिकारियों में वरीय क्रम में चौथे नंबर पर आने वाले राव पहले से ही महानिदेशक (दमकल सेवा और होमगार्ड) का कार्यभार संभाल रहे हैं.
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कमल नयन चौबे की डीजीपी के तौर पर नियुक्ति के 10 महीने के भीतर ही उनका तबादला कर दिया गया, ताकि एमवी राव को नियुक्त किया जा सके. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वह झामुमो सरकार के चहेेते हैं.
हेमंत सोरेन ने पांच अधिकारियों की सूची यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) को भेज दी है. वर्तमान कार्यकारी पुलिस महानिदेशक एमवी राव, एसएन प्रधान, केएन चौबे, नीरज सिन्हा और अजय कुमार सिंह के नाम यूपीएससी को मंजूरी के लिए भेजा गया है. एमवी राव को कार्यकारी पुलिस महानिदेशक बनाये जाने से पहले केएन चौबे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक थे.