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Sarna Dharma Code: आदिवासियों को “वनवासी” कहने वाली भाजपा क्या कभी देगी सरना धर्म कोड का साथ

Sarna Dharma Code: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस के मंच से केंद्र की मोदी सरकार से आग्रह किया था कि आगामी जनगणना में आदिवासी समूह के लिए अलग कॉलम होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग गवर्निंग काउंसिंल की बैठक में पीएम मोदी के सामने सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव का भी जिक्र भी किया था।

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड बिल को पारित करवा कर केंद्र सरकार के पास जनगणना में शामिल करने के लिए भेजा है लेकिन अब तक केंद्र सरकार की तरफ से इस पर कुछ सकारात्मक उठाते हुए नहीं देखा गया जबकि केन्द्रीय जनजातिय मामलों के मंत्री झारखंड से ही है और वह पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. बावजूद इसके सरना आदिवासी धर्म कोड का लागू ना होना कई मुद्दों की ओर इशारा करता हैं.

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झारखंड विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड पारित होने से पूर्व जब आंदोलन चल रहे थे तब भाजपा नेताओं से पूछे जाने पर यह जवाब आता था कि राज्य सरकार चाहे तो इसे लागू किया जा सकता है और अध्यादेश पारित कर केंद्र को भेजा जा सकता है. भाजपा के कुछ आदिवासी नेता भी हेमंत सरकार के सरना धर्म कोड बिल पारित करने पर खुल कर सहमती जताने की कोशिश करते लेकिन उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे, दीपक प्रकाश जैसे नेताओं ने दबाव डाला. यदि भाजपा के कुछ आदिवासी नेता ऐसा करते तो हेमंत सोरेन को इसका श्रेय मिलता जो भाजपा का प्रदेश और केन्द्रीय नेतृत्व बिलकुल नहीं चाहता है. यह भी एक कारण हो सकता है की केंद्र सरकार द्वारा सरना आदिवासी धर्म कोड को मान्यता नहीं देना हेमंत सरकार को श्रेय देने जैसा होगा. लेकिन भाजपा के आदिवासी नेता यह नहीं सोच रहे है की इससे उनके समुदाय को ही फायदा होने वाला हैं.

Sarna Dharma Code: BJP और RSS क्यूँ आदिवासी समुदाय को वनवासी कह कर संबोधित करते है?

भारत का संविधान जनजातियों को परिभाषित करने के लिए अनुसूचित जनजाति या “अनुसूचित जनजाति” शब्द का इस्तेमाल करता है. कई आदिवासी लोग खुद को ‘आदिवासी’ ही कहलाना पसंद करते हैं, जिसका मतलब है ‘आदि निवासी’. इसका इस्तेमाल सार्वजनिक बातचीत, दस्तावेजों, किताबों और मीडिया में किया जाता है.

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वहीं ‘वनवासी’ का मतलब है जंगलों में रहने वाले. इस शब्द का इस्तेमाल संघ यानी आरएसएस करता है. जो आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आदिवासी समुदाय को यह बताता है की वह भी हिन्दू है और जो खुद को हिन्दू नहीं मानते है उन्हें हिन्दू के कॉलम में शामिल कराने का काम करता है. मुख्य जाति संरचना के बाहर पारंपरिक रूप से ये लोग एक यूनिट के तौर पर रहते हैं. हाशिये पर रहने वाले आदिवासी समुदाय के साथ ‘वनवासी’ शब्द का इस्तेमाल उनकी अलग पहचान बताने के लिए किया गया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी भाजपा और आरएसएस के द्वारा आदिवासी समुदाय को वनवासी कहा कर संबोधित करने पर कड़ा एतराज़ जताया था.