नितीश कुमार के सरकार में मंत्री रहे श्याम रजक ने राजद का दामन थाम लिया है. एक तरह से श्याम रजक ने घर वापसी कि है. जदयू में शामिल होने से पहले श्याम रजक राजद में ही थे और लालू प्रसाद यादव के साथ काम भी कर चुके है. तेजस्वी यादव कि मौजूदगी में राबड़ी आवास पर श्याम रजक को राजद कि सदयस्ता दिलाकर पार्टी में शामिल किया गया.
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दो दिनो से बिहार कि राजनीति का घटना क्रम तेजी से बदल रहा है. राजद ने कल अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखते हुए छः वर्षो के लिए निष्कासित कर दिया। जबकि एक अन्य विधायक के जदयू में शामिल होने कि खबर तेज है. राजद द्वारा तीन विधायकों पर कि गई कार्रवाई से साफ़ होता है कि तेजस्वी इसबार कोई भी रिस्क नहीं लेने चाहते है.
राजद में शामिल होने कि खबर के बाद आनन-फानन में जदयू ने वर्तमान में मंत्री श्याम रजक को मंत्री पद और पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिसके बाद मंत्री श्याम रजक ने स्पीकर से मिलकर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया। राजद में शामिल होने के बाद श्याम रजक ने सीएम नितीश कुमार पर कई आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि बिहार में विकास के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है. श्याम रजक ने यहाँ तक कह दिया कि जदयू में रहते हुए मेरा दम घुट रहा था. मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है.
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आगे रजक ने कहा कि पार्टी और विभाग से जुडी कई बातो को लेकर नितीश कुमार से मिलने कि कोशिश करता रहा लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया। जब एक मंत्री नहीं दे रहे थे तो आम जनता के बारे में कितना सोचते होंगे आप अंदाजा लगा सकते है. इन्ही सब बातो को लेकर घर वापसी का फैसला लिया और राजद में लौट आया.