कैबिनेट की बैठक में सब की निगाहे लॉकडाउन को लेकर थी, कयास लगाए जा रहे थे कि कोरोना के बढ़ते मामलो को देखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर राज्य में सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है. लेकिन राज्य सरकार ने सम्पर्ण लॉकडाउन की घोषणा न करते हुए, बल्कि सरकार ने उसके नियमो को सख्त कर दिया है.
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सरकार ने एक अध्यादेश लाया है जिसका नाम संक्रामक अध्यादेश दिया गया है. इसके तहत राज्य सरकार के महामारी से जुड़े आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इस अध्यादेश में दो साल तक की सजा का प्रावधान है। यही नहीं अधिकतम 1 लाख जुर्माना भी देना होगा।
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इस अध्यादेश में तय किए गए अधिकतम 1 लाख के जुर्माने को लेकर लोगो की तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि अध्यादेश का रेगुलेशन बन रहा है. उसी में ही तय होगा कि किस प्रावधान के उल्लंघन पर कितना जुर्माना लगेगा। अध्यादेश में वर्णित एक लाख रुपये का दंड अधिकतम प्रस्तावित जुर्माना है
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रेगुलेशन के गठन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है तथा इसमें जो दंड का प्रावधान किया जायेगा, वह व्यावहारिक तथा अपराध की गंभीरता के समतुल्य होगा. विभाग द्वारा कहा गया है कि वर्तमान में झारखंड राज्य में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिससे राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जा सके
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विपक्ष समेत कई राजनीतिक दलों ने मास्क में दंड के प्रावधान को लेकर आपत्ति जतायी है. विभाग द्वारा लिखा गया है कि समाचार पत्रों में विभिन्न स्तरों से इस अध्यादेश के संबंध में दिये गये बयानों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अध्यादेश के प्रावधानों को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां हैं. यह अध्यादेश हर प्रकार के संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए जन मानस के व्यवहार और आचरण परिवर्तन के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए है.